मेरा नाम गोवर्धन यादव है। मेरा जन्म 17 जुलाई 1944 को मध्यप्रदेश के बैतूल ज़िले के एक छोटे से कस्बे मुलताई में हुआ था। मेरे पिता स्व. श्री भिक्कुलाल यादव थे। पढ़ाई-लिखाई के बाद मैंने स्नातक तक शिक्षा प्राप्त की और फिर जीवन को शब्दों के माध्यम से समझने और व्यक्त करने की यात्रा पर निकल पड़ा।
लेखन का सफर वर्षों से जारी है। अब तक मैंने कई कहानी संग्रह, उपन्यास, यात्रा संस्मरण और ई-बुक्स लिखीं हैं। मेरी कुछ प्रमुख कृतियाँ हैं — ‘महुआ के वृक्ष’, ‘तीस बरस घाटी’, ‘अपने-अपने आसमान’, ‘भीतर का आदमी’, ‘खुखियों वाली नदी’, ‘बेपर आवाजें’ आदि।
रामकथा पर आधारित मेरे चार उपन्यास — ‘वनगमन’, ‘दण्डकारण्य की ओर’, ‘लंका की ओर’ और ‘युद्ध व राज्याभिषेक’ — मेरे लेखन का एक विशेष अध्याय हैं। इसके अलावा यात्रा संस्मरण ‘पातालकोट – जहाँ धरती बाँचती है आसमानी प्रेम पत्र’ भी पाठकों को बहुत प्रिय रहा।
विभिन्न विषयों पर 18 ई-बुक्स भी प्रकाशित हुई हैं। मेरी रचनाओं का अनुवाद उर्दू, मराठी, अंग्रेज़ी, उड़िया, सिंधी और राजस्थानी जैसी भाषाओं में हुआ है।
साहित्यिक सेवा के लिए मुझे देश की अनेक संस्थाओं ने सम्मानित किया है। वर्ष 2024 में मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल माननीय श्री मंगूभाई पटेल जी के हाथों ‘विशिष्ट हिंदी सेवक’ सम्मान प्राप्त होना मेरे लिए गर्व का विषय रहा।
मेरी कुछ रचनाएँ राजस्थान और दिल्ली के स्कूल पाठ्यक्रमों में भी शामिल हैं। हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से मैंने थाईलैंड, मारीशस, श्रीलंका, भूटान, नेपाल जैसे देशों की यात्राएँ की हैं।इस समय, मैं छिंदवाड़ा में रहता हूँ और ‘मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति (जिला इकाई छिंदवाड़ा)’ में अध्यक्ष/संयोजक के रूप में कार्यरत हूँ।
आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं:
📍103, कावेरी नगर, छिंदवाड़ा (म.प्र.) – 480001
📞 09424356400
✉ goverdhanyadav44@gmail.com
रामकथा पढ़ने के लिए चित्र पर क्लिक करें.
पढ़ने के लिए चित्र पर क्लिक करें.
पढ़ने के लिए क्लिक करें.
एक अनछुए लोक की कहानियाँ जहाँ प्रकृति और इंसान का रिश्ता किसी प्रेमपत्र की तरह कोमल और गहरा है।
गोंड जनजातियों के रहन-सहन, विश्वास, और धरती से जुड़ी जीवन दृष्टि को उजागर करती यह कथाएँ हमें उस संसार से मिलवाती हैं जहाँ हर पत्थर भी कहानी कहता है।
वास्तविकता के आईने में झांकती छोटी-छोटी कहानियां। ये लघुकथाएं समाज की सोच, परिस्थितियों और संबंधों का गहराई से विश्लेषण करती हैं — कभी कटाक्ष, कभी संवेदना और कभी व्यंग्य के रूप में। हर कथा अपने आप में एक विचार है, एक झटका, और एक सीख।
📖 पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें.
मन की गहराइयों से निकले भाव, शब्दों के माध्यम से जीवन को स्पर्श करते हैं।
इन कविताओं में प्रेम है, पीड़ा है, प्रकृति है, और समाज की झलक भी।
हर पंक्ति एक अनुभव है, हर कविता एक एहसास — जो पाठक के मन में उतरती चली जाती है।
विविध विषयों पर दृष्टिपात करते यह आलेख समाज, संस्कृति, भाषा, साहित्य और पर्यावरण की गहराइयों को स्पर्श करते हैं।
हर आलेख में है एक दृष्टिकोण, एक सोच, और एक सृजनात्मकता जो पाठक को सोचने पर विवश कर देती है।
चाहे वह सावन की खनक हो या हिन्दी की वैश्विक यात्रा — हर विषय पर गहराई से विचार।
ज्ञान की रोशनी से अंधकार मिटाता विज्ञान जीवन को समझने और सरल बनाने का माध्यम है। इस खंड में प्रस्तुत हैं वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने वाली रचनाएं, लेख और गतिविधियाँ जो बच्चों और युवाओं में जिज्ञासा, प्रयोगशीलता और तार्किक दृष्टिकोण को विकसित करती हैं। लेखनी विज्ञान को सहज और रोचक बनाकर पाठकों के मन में सीखने की ललक जगाती है।
बालमन की कल्पनाओं, जिज्ञासाओं और मुस्कानों को शब्दों का रूप देती नन्हीं-नन्हीं रचनाएं। इस खंड में संजोए गए हैं वे गीत, कहानियाँ और कविताएं जो बच्चों को न सिर्फ मनोरंजन देती हैं, बल्कि उन्हें नैतिकता, संवेदना और सृजनात्मकता से भी जोड़ती हैं। नानाजी की लेखनी बच्चों के लिए एक सुंदर और सजीव दुनिया रचती है, जहाँ हर पंक्ति में एक नई उड़ान छुपी होती है।
इस विशेष साहित्य संवाद में अमेरिका के न्यू जर्सी से सुप्रसिद्ध साहित्यकार सुश्री देवी नागरानी जी ने गोवर्धन यादव का साक्षात्कार लिया.
लेखक गोवर्धन यादव ने मारीशस के प्रतिष्ठित लेखक श्री रामदेव धुरंधर जी का साक्षात्कार लिया ।
उपरोक्त साक्षात्कारो मे लेखक द्वय का रचनात्मक प्रेरणाओं और सामाजिक दृष्टिकोण पर विस्तार से चर्चा की गई है। यह संवाद न केवल लेखन की गहराइयों को उजागर करता है बल्कि पाठकों को नई सोच और दिशा भी देता है।”
साक्षात्कार का वाचन करने के लिए निम्नलिखित बाक्स पर क्लिक करे...
`दिनांक -02-10-2024-
हिंदी भवन भोपाल में मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल मान.श्री मंगूभाई पटेल जी के हस्ते सम्मान ग्रहण करते हुए
रामकथा पर लिखित उपन्यास-वनगमन तथा दण्डकारण्य़ की ओर पर हिंदी भवन भोपाल में आयोजित पुस्तक चर्चा आयोजित. की गई तथा मुझे सम्मानित किया गया.
हिंदी भवन भोपाल के मंत्री-संचालक दादा श्री कैलाशचंद्र पंतजी के कार्यालय में सौंजन्य भेंट
छिंदवाड़ा- अक्षत सम्मान समारोह-2024 को हिंदी प्रचारिणी के विशाल प्रांगण में “अक्षत सम्मान से सम्मानित होते हुए.
हिंदी भवन में रामकथा पर लिखित उपन्यास “वनगमन” का विमोचन करते हुए
प्रदेश के तत्कालीन मुख्य मंत्री श्री शिवराज जी चौहान जी को मुख्य मंत्री निवास पर उपन्यास-वनगमन- की एक प्रति सौजंन्य भेट में देते हुए.
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री मान.श्री कमलनाथ जी को रामकथा पर लिखित चार उपन्यास यथा-वनगमन, दण्डकारण्य़ की ओर, लंका की ओर तथा युद्ध और राज्याभिषेक भेंट में देते हुए.बाएं से दाएं
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन नागपुर में योगेश साहित्य कुंज द्वारा सम्मनित होते हुए.
दुष्य़त संग्रहालय भोपाल के राज सदन में पूर्व प्रसार भारती बोर्ड के सदस्य, दूरदर्शन और आकाशवाणी के पूर्व महानिदेशक मान.श्री लीलाधर मंडलोई जी से सम्मान ग्राहण करते हुए.
वैश्विक साहित्य संस्कृति महोत्सव द्वारा इंडोनेशिया में आयोजित महोत्सव में स्व. ईश्वरी प्रसाद मिश्र साहित्य सम्मान से सम्मानित होते हुए.
मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति तहसील इकाई सौंसर के स्थापना दिवस पर सम्मानित होते हुए.
बालवाटिका (भीलवाड़ा) द्वारा उत्तरकाशी में आयोजित बाल संगोष्ठी में (स्व.) राष्ट्रबंधु जी से सम्मान ग्रहण करते हुए.
छिन्दवाड़ा की साहित्यिक संस्था- “हिन्दी प्रचारिणी समिति द्वारा सम्मान ग्रहण करते हुए बाएं से दाएं
छिन्दवाड़ा की नाट्य संस्था-नाट्य गंगा के मंच पर सम्मानित होते हुए. बाएं से दाएं
बनारस में विश्व न्यूज नेट संस्था द्वारा सम्मानित.
सृजन सम्मान संस्था रायपुर द्वारा नेपाल में आयोजित दसवें अंतराष्ट्रीय रचना पाठ मंच पर सम्मानित होते हुए.
पचमढ़ी साहित्य सम्मेलन में सम्मानित होते हुए
व्यंग महोत्सव रायपुर में सम्मानित होते हुए
थाईलैंड में सृजन साहित्य समिति के कार्यक्रम में सम्मानित होते हुए
साउथ एशिया फेंडेरेशन के संस्थापक श्री सत्यपाल जी द्वारा सम्मानित होते हुए
देखने के लिए बाक्स पर क्लिक करें.
हम आपके यहां आने और हमारे साहित्यिक संसार में दिलचस्पी लेने के लिए हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।
श्री गोवर्धन यादव जी की रचनाओं और विचारों को पढ़कर आपका अनुभव सुखद और प्रेरणादायक रहे, यही हमारी कामना है।
कृपया अपनी शुभकामनाएँ और सुझाव साझा करना न भूलें। आपकी सहभागिता से हमारी यात्रा और भी समृद्ध होती है।
फिर से आने के लिए आपका हार्दिक स्वागत है!
टीम गोवर्धन यादव