कविताओ के नाम...
मुझे साथ दो.
बस अपना एक मुस्कुराना है
जिन्दगी भी मुस्कुरा देगी
अधरों पर लिख दो
पग-पग दीप जलाये हैं
जल-जल दीप जलाए सारी रात
दीपक माटी का
क्यों कर मेरा आँगन महक गया है
छोटा सा संदेश
कैसे गाऊँ और गवाऊँ रे
छ्लक रहा रंग लाल-लाल
प्रीत के छंद
कपसीले बादल
मैं अपना ईमान नहीं बेचूंगा
अपनी माटी का क्या होगा.
बोलो तुम कौन?
पाँखुरी गुलाब की
लांघ गई धूप
दीप गीत
अपना विश्वास नहीं
लगन मीत का दीप जलाओ
याद तुम्हारी आय़ी
बांध लो इस प्यार को
पाषाणी प्रतिमा
नदी के डैश-डाट
लगता है
समाजवाद मंथन
गरीबी हटाओ
पाल रहे नागराज
धर्म परिवर्तन
मेरा जीवन
प्रसव पीड़ा
तुम नित नूतन सिंगार करो
लॊ आ गये बादल
हस्ताक्षर
चंदन सा एक नाम
अपनों से लगने लगे हो
लो आ गए दिन मनुहार के
वाद
जीवन के शुन्य
आम्रमंजरी की हाला
आदमी
हे दीपमालिके
सतरंगी प्रकाश किरण
आलोक मेरा नाम है
खोया बचपन
मन तू उदास क्यों ?
वादा- नये वाद लाने का
बचे हुये समय में
चंदन सा एक नाम
प्यार का पौधा
एक लड़की
एक नदी
माँ
उदास नदी पर सात कविताएं
खुश है नदी- सात कविताए
एक चिड़िया की आत्मा- दो कविताएँ
भूल गया
गौरैया पर नौ कविताएं
लो आ गए दिन मनुहार के