यूनिवर्सल पोस्टल युनियन यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन को अन्तर्राष्ट्रीय डाक संघ के नाम से भी जाना जाता है. क्या आप बता सकते हैं कि इसका जन्म कब, कहां, कैसे और किसके द्वारा हुआ?. निःसंदेह आपके पास इसका उत्तर शायद ही होगा. आइये मैं इसकी विस्तृत जानकारी आपको उपलब्ध करवा रहा हूँ. यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की नींव मे एक नाम दबा पडा है. वह नाम है “हाईनरिश फ़ान स्टेफ़ान” का. आपको यह जानकर सुखद आश्चर्य भी होगा कि ये महाशय एक डाककर्मी थे. हाईनरिश फ़ान स्टेफ़ान का जन्म 7 फ़रवरी 1831 को पोमेरानिया में हुआ था. वे अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा के उपरांत 17 वर्ष की आयु मे प्रशियन डाक सेवा में भर्ती हुए थे. फ़ान अपने चुने हुए व्यवसाय में द्रुतगति से मंजिल दर मंजिल पार करते हुए कोलोन जा पहुँचे,जो राइन प्रदेशों की महानगरी तथाजर्मन, पश्चिम यूरोप एवं समुद्रपारीय देशों के बीच डाकसेवाओं का केन्द्र बिंदु थी. तत्पश्चात उनका अगला कदम कोलोन से प्रशिया की बर्लिन स्थित सर्वोच्य डाक प्रशासनिक संस्था मे पहुंचना था. जब सन 1870 में जनरल डाक निदेशक ( जर्मनी के डाक प्रशासन का अध्यक्ष) का पद रिक्त हुआ तो फ़ान को उनकी दूर-दूर तक फ़ैली ख्याति तथा असाधारण योग्यताओं के कारण उक्त पद हेतु चुना गया. फ़ांस-जर्मन युध्द के पश्चात फ़ान अपने जीवन के महानतम कार्य” अन्तर्राष्ट्रीय डाक संघ” की स्थापना में जुट गए. सन 1869 में उत्तरी जर्मन सरकार ने यूरोपीय राष्ट्रों के बीच डाक संबंन्धों मे समानता एवं सामान्य डाकसंघ की स्थापना पर विचार-विमर्श हेतु डाक कांग्रेस आमंत्रित करने के लिए फ़ांस सरकार से एक समझौता किया. यह तभी संभव हो सका जबकि 1 जुलाई 1873 को जर्मन सरकार ने स्टेफ़ान द्वारा तैयार किया गया सामान्य डाक समझौते का प्रारुप यूरोपीय एवं अमरीकी सरकारों के समक्ष प्रस्तुत किया. 15 सितम्बर 1874 को दोनों गोलार्धॊं के 22 राष्ट्रॊं के प्रतिनिधियों ने बर्न (स्विटजलैण्ड) में राष्ट्रीय सीनेट के प्राचीन ऎतिहासिक भवन में हुए कांग्रेस सम्मेलन में भाग लिया. कांग्रेस ने फ़ान स्टेफ़ान को समझौता प्रारुप की जांच हेतु स्थापित आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया. यह उनकी पहल शक्ति, कूटनीतिक चातुर्य तथा डाक मामलों के अंतरंग ज्ञान का ही परिणाम था कि सामान्य डाक समझौते पर 24 दिन की अल्पावधि में ही 9 अक्टूबर 1874 को हस्ताक्षर हो गए तथा इस प्रकार “ सामान्य डाक संघ” का जन्म हुआ. अब स्टेफ़ान ने अन्तर्राष्ट्रीय डाक संघ (यू.पी.यू) जैसा कि बाद में इसका नाम पडा के प्रसार कार्य में अपने आपको समर्पित कर दिया. उनका एकमात्र लक्ष्य था यू.पी.यू. की एकता, विवादों को रफ़ादफ़ा करने में उन्होंने अपनी वाकपटुता, दृढ इच्छा शक्ति, विश्वास की उर्जा तथा तर्क-शक्ति का प्रयोग किया. यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के संस्थापक फ़ान स्टेफ़ान का देहान्त 8 अप्रैल 1897 मे हो गया. आज भी इन्हीं के दिखाए मार्ग पर समूचा विश्व डाक प्रक्रिया मे जुडा हुआ है.