आश्चर्यजनक अजूबे जिनका कोई समाधान नहीं
इस संसार में ऎसी कितनी ही चित्र-विचित्र घटनाएँ घटती रहती हैं, जिनका कोई तर्कसम्मत आधार नहीं, पर ये क्यों घटती है? यह आज भी अविज्ञात ही है.
कैलीफ़ोर्निया के बूट काउण्टी में 11 सितम्बर 1878 को पानी के साथ कैट्फ़िश की बारिश हुई. लेबनान में जुलाई 1841 में वैज्ञानिकों के अनुसार माँस, खून और रंगीन पदार्थ की बारिश में 11 और 12 बजे की बीच हुई. बादल उस समय लाल थे. खून पृथ्वी और पदार्थों में जमकर गाढा हो गया. यह बारिश आधा मील लम्बे और पचहत्तर मीटर चौडॆ क्षेत्र में हुई. विशेषज्ञ डा.स्याल के अनुसार इस बारिश में सारे लेबनान देश में सैकडॊं पौण्ड खून और माँस की वर्षा हुई. प्रयोग करने पर पाया कि यह जीवधारियों का रक्त था. वर्जीनिया के क्लोवरली प्रान्त में 1850 को शाम 4 बजे खून की बूँदों और महीन कटे माँस के टुकडॊं के रूप मे थे. ये माँसपेशी लिवर और हृदय के टुकडॊं के रुप में थे. रंगीन बादलों के छँटने पर यह खून व माँस की बारिश भी बन्द हो गई.
इसी प्रकार सिम्पसन काउण्टी, उत्तरी केरोलीना में 15 फ़रवरी 1850 को 900फ़ीट लम्बे और 30 फ़ीट चौडॆ क्षेत्र में खून, मस्तिस्क और भीतरी अंगों के टुकडॊं की वर्षा हुई. उस समय आकाश पर लाल बादल थे. 24 जुलाई 1851 को सेनफ़्रांसिस्को में सेना के कैम्प में खून और माँस के बारीक टुकडॊं की वर्षा हुई. हर माँस का टुकडा 1/8 इंच से भी कम मोटा स्लाइस किया हुआ था. इस समय आकाश साफ़ था और कोई पक्षी तक नहीं मँडरा रहा था. यह बात समझ से परे है कि मानवी रक्त व माँस क्योंकर कहीं से आकर किसी स्थान विशेष पर बरस गए.
अक्टूबर 1958 में मैकेग्री के मध्य अंगोला में भीषण अकाल पडा. मनुष्य, जानवर और पक्षी सब मर गए. वहाँ की एक जाति सीलिज को भूखा रहने की आदत है और वे प्रायः बिना भोजन के किसी तरह जीवित रहे. दो सप्ताह बाद देखा गया कि वहाँ झाडियों के मध्य आधा एकड के क्षेत्र में अचानक मधु जैसा पदार्थ जमा होने लगा है. इसे सभी लोगों ने थोडी-थोडी मात्रा में खाकर प्राण रक्षा की. यह पदार्थ प्रतिदिन जमा होने लगा. आश्चर्य यह कि यह कहाँ से आया और किसने लोगों की जान बचाई?
अक्टूबर 1962 में सेनिडीयागो कैलीफ़ोर्निया के केनेथ स्नाइडर के यहाँ मकान के पास-पास छोटॆ-छॊटॆ पत्थरों की वर्षा प्रतिदिन सुबह दस बजे से दो बजे दोपहर तक होती थी. ये पत्थर हल्के थे और शरीर पर इनसे चोट भी नहीं आती थी.
1921 में शीत ऋतु में मिनीआपोलिस में एक लडकी एडिना एलिस की हत्या हो गई. डा. ओ.ए.अल्स्टे का कथन है कि मृतक लडकी, जो उनसे पूर्व में चिकित्सा कराती रही है, उनसे प्रार्थना करने सूक्ष्म रूप में कुछ घण्टों बाद आयी व बोली कि मेरी मृत्यु का सही पता मिसोरी पुलिस से लगातार इसकी सूचना मेरे माता-पिता को भेज दें, ताकि उन्हें सही स्थिति मालूम हो जाए.
पुलिस से पता लगा कि वास्तव में एडिना की मृत्यु हो गई है और उसका हत्यारा बताए विवरण अनुसार पकडा गया है. रहस्यमय बात यह है कि मृतक एलीस सशरीर प्रकट हुई और बोली भी.
1960 में अमेरिका का 300 पौण्ड का डिसकवरर सेटेलाइट जमीन पर उतरा तब उसका वजन 125 पौण्ड था और रोज उसका वजन कम होता रहा. इसके गिरने से जिस मकान में आग लगी, उसमें धातुओं के मिश्रण का एक टुकडा मिला जो बहुत हल्का था. इसमें खूब रेडिएशन निकल रहा था. यह ऎसी धातु थी जिसका प्रयोग निर्माण में नहीं किया गया था. एअरफ़ोर्स ने इसे सत्य घटना बताया और वैज्ञानिक आश्चर्य करने लगे कि अन्तरिक्ष में वजन क्यों घटा? यह वस्तु कहाँ से आयी? उस वस्तु में रेडिएशन कहाँ से आया?
1953 की रात्रि को वाशिंगटन के. मिस्टर व मिसेस फ़्रेड ने देखा कि एक प्रकाशपुंज पेन्सिल के आकार में आया, जो थोडी ही देर में बाल (ball) जितना बडा गोला बन गया. वह अग्नि का गोला कुछ देर तक मँडराता रहा, फ़िर गायब हो गया. जनवरी 1962 आस्ट्रेलिया में चेल्टनहम की श्रीमती डोरिस विल ने देखा कि उनके कन्धे के पास एक अग्नि गोला आया जो उनके बेडरूम में चला गया और वहाँ तत्काल हानिरहित विस्फ़ोट हो गया. इस तरह के अग्नि गोले कहाँ से आते हैं और क्यों आते है, यह रहस्यमय है.
दिसम्बर 1941 को निकोलस व्हाइट के यहाँ पचास बार आग एक ही रात्रि में जगह-जगह प्रकट हुईं. अलग-अलग जगह विभिन्न वस्तुएँ इसमे जल गईं. बार-बार आग को बुझाया गया. कई बार फ़ायर ब्रिगेड और इन्श्योरेन्स कम्पनी वाले आए. कागज, पर्दा, कपडा, सूट, बिस्तर, फ़र्नीचर,,टेबल आदि में एक बार में एक ही जगह आग पकडती और वह वस्तु जलती. ऎसी ही अपने देश में अनेकों घटनाएँ घटित होती रही हैं व जादू-टोने के मत्थे मढी जाती रही है, पर वस्तुतः उनका कारण अभी तक ज्ञात नहीं. 1956 में श्रीमती एवा ओलागोल्डफ़्रे का शरीर अचानक सिर से पैर तक तब जल गया जब वे सोई हुई थीं, परन्तु उनके ढके कपडॊं और उनके बालों में जलने का कोई निशान नहीं था. यह घटना विचिटा, कन्सास की है.
1955 के ग्रीष्म काल में शाम को केस्टन, इंग्लैण्ड की श्रीमती विनिफ़्रेड मानसेल बगीचे में काम कर रही थीं. वहाँ उसे डायमण्ड के अनेक टुकडॆ मिले, जिनमें से प्रत्येक की कीमत 100 डालर थी. आश्चर्य हुआ कि ये हीरे कहाँ से आए?.उसकी बिल्ली के पैर से चिपके ये हीरे रहस्यमय हैं. अमेरिका महाद्वीप में बंकर हिल सिल्वर माइन इडाहो उत्कृष्ट श्रेणी की है, जिसे एक खच्चर ने ढूँढा था. उसका मालिक उस खच्चर पर कहीं जा रहा था. रास्ते में एक जगह खच्चर ने मालिक को गिरा दिया और उसे फ़िर लात मारना चाहा. क्रोधित मालिक ने वहाँ पडॆ पत्थर को उठाकर उससे खच्चर को मारना चाहा. आश्चर्य कि यह पत्थर चाँदी का था और बाद में वहाँ चाँदी की एक बडी खदान मिली.
आस्ट्रेलिया के लोगों का विश्वास है कि अकारण लाटरी जीतने वालों या पैसा प्राप्त करने वालों की शीघ्र ही मौत हो जाती है. अनेक घटनाओं से यह बात सही मालूम पडती है. यथा- मुगी की हर्बर्ट चेने 70,000 डालर जीता, पर उसी दिन हार्ट फ़ेल से वह मर गया. विलियम लोन 25,000 डालर जीता, परन्तु छः सप्ताह बाद कैंसर से मर गया, हेराल्ड रिचर्डस 20,0000 डालर जीता, पर चार माह के भीतर उसकी मृत्यु हो गई. कारण अज्ञात है. एनी हेरिस 20000 डालर जीतीं, पर खबर मिलते ही मर गई. जेम्स कपूर 25000 डालर जीता, परन्तु उसने एक पुलिस मैन की गया कर दी. अन्ततः वह पागलखाने में डाल दिया गया. वाल्टर वेस्टरर ने एक प्रतियोगिता में एक लाख डालर का इनाम जीता, उसी दिन उसकी मृत्यु हो गई. ये सारे घटनाक्रम आस्ट्रेलिया में घटे हैं.
जान टी.विलियमसन ने कैनेडा के उत्तम हीरों की खदान, टांगानिका में अपने मागरेल कुत्ते के ढूँढने से पायी और पृथ्वी का वह सर्वाधिक धनी व्यक्ति बन गया. घटना कुछ यों थी कि-थका, गरमी से त्रस्त और निरुत्साहित विलियमसन पेड के नीचे विश्राम कर रहा था. वहीं पास में उसका कुत्ता गड्ढा खोद रहा था. उस गडढे में हीरे की एक बडी खदान मिली. कुत्ते की होशियारी ने उसे धनी बनाया. उसने कुत्ते के नाम पर उस स्थान का नाम रखा व अन्त तक वे साथ रहे. मरे भी साथ-साथ.
1912 में उत्तरी मिचिगन में हल्बर्ट नामक एक किसान अपना सूअर ढूँढ रहा था. जहाँ पर उसका सूअर खडा था, वहाँ पर ताँबे की खदान मिली. इससे पाँच लाख डालर से अधिक वार्षिक आय उसे हुई.
11 मार्च 1962 को इण्डियानापोलिस में श्रीमती रीनेट बेक के यहाँ अनेकों आश्चर्यजनक घटनाएँ घटीं. रात्रि में एक दर्पण को किसी शक्ति द्वारा दीवार पर फ़ेंका गया. वह टूटकर फ़र्श पर बिखर गया. फ़िर एक भारी तस्तरी दीवार में जाकर लगी. फ़िर ग्लास फ़ेका गया. फ़िर चीनी मिट्टी का कप फ़ेंका गया और फ़ूट गया. फ़्रीज के भीतर रखे 125 डालर का बैग गायब हो गया. आवाज भी आने लगी. फ़िर उस घर में रहने वाली तीनों औरतों के शरीरों की विभिन्न जगहों में कोई काटने लगा, जिससे जगह-जगह छिद्र के निशान शरीर पर पड गए. पुलिस पार्टी ने खूब जाँच-पडताल की, पर कुछ भी समझ में नहीं आया. कोई रहस्य इसका नहीं खुल पाया. तब समझा गया कि यह किसी अज्ञात शक्ति की करामात है, परन्तु इसका कोई कारण प्रत्यक्षतः नहीं मिला. घटनाक्रम सहसा स्वयंमेव बन्द हो गए
आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैण्ड में सन 1960-1961 में लगातार कीचड की बारिश हुई. सारी सडकें कीचड से भर गईं. मार्च 1879 में स्टोनहाउस नेवेदा में भी इसी प्रकार कीचड की वर्षा घण्टॊ तक सतत चलती रही, जिससे एक रेलगाडी का इंजन एवं डिब्बे लाइन से उतरकर नष्ट हो गए. अनेक व्यक्तियों की जाने गईं. इसी प्रकार 26 मार्च 1948 को ओहियो के डॆटन में हरी वर्षा हुई. वहाँ के पेट्रोल पम्प, मकान, कपडॆ गहने और दीवारें सब हरी हो गईं. यह रंग कुछ देर बाद अपने आप फ़ीका पड गया. अगस्त 1870 में कैलीफ़ोर्निया के सैक्रामेंटॊ शहर में जीवित अविज्ञात प्राणियों की वर्षा हुई जो दो से आठ इंच तक लम्बे थे. ये सडकों और दीवारों पर छा गए.
क्या वस्तुतः उपरोक्त घटनाक्रमों का किसी के पास कोई तर्कसम्मत समाधान है? वैज्ञानिक तो इस सम्बन्ध में जवाब देने में असमर्थ हैं.