असाधारण साम्य संयोग
ईश्वर ने अपनी सृष्टि का निर्माण कुछ इस ढंग से किया है कि एक वस्तु दूसरे की तरह दिखाई देने के बाद भी एक जैसी नहीं होती. पॆड़ में असंख्य पत्तियाँ होती हैं, जो एक जैसी दिखलाई पड़ती हैं,लेकिन इन्हें बारिकी से देखा जाय तो हरेक के बीच अन्तर देखने को अवश्य मिलेगा. भेड़ें भी देखने में एक जैसी लगती है. अजनबी के लिए इनमे अन्तर करना कठिन होता है, किन्तु गड़ॆरिया अपने झुण्ड की हर भेड़ का अन्तर पहचानता है. उनमें से कोई किसी अन्य के झुण्ड में जा मिले, तो उससे सहज ही पहचान कर पकड़ निकालता है. यही बात मनुष्यों की आकृति और प्रकृति के सम्बन्ध में भी कही जा सकती है. एक जैसे दो कहीं भी दृष्ट्गोचर नहीं होते. कितने ही समान क्यों न लगते हों, पर अन्तर अवश्य रहता है.. सरकारी दस्तावेजों में अथवा सामान्य लेन-देन के मामले में आदमी के हाथ के अँगूठे का निशान (छाप) लेने के पीछे भी यहीं कारण है कि संसार में किन्हीं भी दो व्यक्तियों के अँगूठे की त्वचा पर रहने वाली लकीर एक जैसी आकार-प्रकार की नहीं होती. इसलिए कहा जा सकता है कि सृष्टा के कला-कौशल का यह एक अद्भुत प्रयोग है कि एक ढाँचें में उसने किसी भी घटक को नहीं ढाला.
इतने पर भी कभी-कभी संयोगवश ऎसे लोग भी मिल जाते हैं जिनके बीच असाधारण साम्य पाया जाता है. संयोगवश दो व्यक्ति देखने को मिल जाते हैं, जिनकी शकल-सूरत, कद-काठी एक जैसी दिखलाई देती है. उनकी बोल-चाल भी एक जैसी ही जैसी होती है,लेकिन बारिकी से देखने पर उनमें भारी अन्तर देखा जा सकता है. ऎसे कई प्रसंग कई बार अनबूझ पहेली जैसे जटिल प्रतीत होते है. ऎसे विचित्र संयोगों की घटनाओं में कुछ का विवरण प्रामाणिक उल्लेखों में इस प्रकार मिलता है.
अमेरिकी राष्ट्रपति थामस जेफ़र्सन “डिक्लेरेशन आफ़ इण्डिपेन्डेन्स” पुस्तक के प्रख्यात लेखक के रूप में ख्याति प्राप्त हैं और जान आदम्स उनके मुख्य शिक्षकों में से एक थे. आदम्स यूनाइटेड स्टेट्स के द्वितीय राष्ट्रपति चुने गए और जेकर्सन तृतीय राष्ट्रपति बने. इन दोनों व्यक्तियों की प्रगाढ़ आत्मियता बेमिसाल थी. दोनों महान विभूतियों की मृत्यु ५० वर्ष की आयु में ४ जुलाई १८२६ को हुई. जेफ़र्सन की यह इच्छा सदैव बलवती बनी रही कि वह आदम्स के साथ निरन्तर घनिष्ठतम सम्बन्ध बनाये रहें. अपने अन्तिम क्षणॊं में जेफ़र्सन ने उपस्थित लोगों से यही पूछा था-“क्या आज चौथी तारीख है ?’.
राष्ट्रपति जान आदम्स १८०१ में अपने सामाजिक जीवन से अवकाश ग्रहण कर चुके थे, फ़िर भी वे राष्ट्रपति जेफ़र्सन से अपने अन्तिम दिनों तक जीवन सम्पर्क बनाये रहे. जीवन के अन्तिम क्षणॊं में उनके वाक्य थे-“ जेफ़र्सन सुनिश्चित रूप से जीवित होंगे. हम साथ-साथ जायेंगे और सचमुच उनका हमसफ़र ५ घण्टॆ बाद मृत्यु को प्राप्त हुआ.
२८ जुलाई १९०० में इटली के राजा अम्बेट्रो प्रथम अपने परिसहायक जनरल अमीलिओ पोन्जिओ वैग्लिया मिलान शहर के कुछ मील दूर स्थित मोन्जा नामक कस्बे में पहुँचे. अगले दिन वहाँ उन्हें खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरण करना था. रात्रि के समय राजा अपने सहायक के साथ एक रेस्टोरेण्ट में भोजन करने गए. रेस्तरां मे मालिक को आर्डर देते हुए अम्बेट्रो ने बताया के एक ही नाम और शक्ल सूरत में दो व्यक्ति अलग हैं. दोनों का जन्म एक ही दिन, एक ही समय में १४ मार्च १८४४ को एक ही कस्बे में हुआ और दोनों के नाम अम्बेर्टो रखे गए थे. दोनों का विवाह २२ अप्रैल १८६८ के दिन मार्थेरिता नाम की दो अलग-अलग लड़कियों के साथ सम्पन्न हुआ. दोनों को एक-एक पुत्र हुआ जिनका नाम विक्टोरिया रखा गया. जिस दिन राजा अम्बेर्टो का राज्याभिषेक हुआ ठीक उसी दिन दूसरे द्वितीय अम्बेर्टो ने अपना रेस्तरां खोला.
जुलाई १९०० में जिस दिन अम्बेर्टो मोन्जा के उस रेस्तराँ में ठहरे थे उसी दिन हत्यारे ने गोली चला कर रेस्तरां मालिक अम्बेर्टो की हत्या कर दी. रेस्तरां मालिक के दाह संस्कार में भाग लेने गए राजा अम्बेर्टो भी एक अज्ञात हत्यारे की गोली का निशाना बन गए और वहीं उन्होंने दम तोड़ दिया. दोनों की शव यात्रा साथ-साथ निकाली गई.
१९७९ में रीडर डाइजेस्ट के जर्मन संस्करण “ दास बेस्टे” ने एक प्रतियोगिता आयोजित की. विषय था- दास बेस्टे के पाठकों द्वारा निजी अनुभवों से सम्बन्धित सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ प्रेषित करना. पुरस्कार वितरण का समय ६ दिसम्बर को रखा गया.
सम्पादक के पास लगभग ७००० कहानियों का पुलिन्दा एकत्र हो गया, जिसमें से म्यूनिख के वायुयान चालक वाल्टर्केल्नर की कहानी को सर्वश्रेष्ठ कहानी के रूप में चुना गया जो वाल्टर की उनके जीवन में घटित घटना से सम्बन्धित थी. वाल्टर का जहाज सेसना-४२१, १०००० फ़ीट गहरे टाइरेनियन समुद्र में गिर कर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. दैवयोग से वाल्टर रबर की एक डॊंगी पर सवार होकर सुरक्षित समुद्र से निकल आए थे. पुरस्कार वितरण के समय वाल्टर उस डॊंगी को अपने साथ लेकर सम्पादक के कार्यालय पर उपस्थित हुए. उसी समय आस्ट्रिया के वाल्टर केल्नर नामक के दूसरे पायलट ने उस पुरस्कार पर अपना अधिकार जाहिर किया. उसे भी उसी कहानी के लिए उक्त आवश्यक का पत्र मिला था. दोनों पायलट हे और एक ही नाम व नम्बर के जहाज लेकर उड़ाने भरते थे. दोनों के वायुयान टाइरेनियन समुद्र में एक ही ऊँचाई से गिरकर एक ही स्थान पर डूबे थे. दोनों के चालकों को वायुयान, ईंजन की खराबी के कारण विवश होकर नीचे सारडिनिआ के पास समुद्र में उतारने पड़े थे. दोनों ही भाग्यशाली थे और इस विचित्र संयोग के आधार पर दोनों को पुरस्कृत किया गया.
इन्स्टेबल, बेडफ़ोर्ड इंग्लैण्ड के मेल्किस नामक भवन में एक परिवार के सभी सदस्य इकठ्ठे थे. अचानक छत तोड़ता हुआ बर्फ़ का एक बहुत बड़ा टुकड़ा नीचे फ़र्श पर आ गिरा. खोज करने पर मालूम हुआ कि सभी व्यक्तियों के मन में ठीक उसी समय तीव्र गर्मी के कारण बर्फ़खाने की इच्छा हो रही थी. यह घट्ना सन १९७५ की है.
१६ वर्षीय फ़ैंज रिचर आस्ट्रियन ट्रान्सपोर्ट कोर में कर्मचारी था. प्रथम विश्वयुद्ध के समय विषाक्त वातावरण से उसे न्यूमोनिया हो गया और अस्पताल में शरण लेनी पड़ी. उसी अस्पताल में फ़्रैंज रिचर नाम का दूसरा रुग्न व्यक्ति भी भर्ती था. उसकी उम्र १९ साल की ही थी और वह भी न्यूमोनिया से पीड़ित था. वह नवयुवक भी ट्रांस्पोर्ट कोर में ही कर्मचारी था. दोनों ही साइलेशिया के रहने वाले थे.
४० वर्ष पूर्व ओहियो शहर में एक दम्पत्ति के यहाँ समान रूप रंग के दो जुड़वा बच्चों ने जन्म लिया. बाल्यावस्था में ही दोनों अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा गोद ले लिए गए. ३९ वर्ष बाद १९७९ में वे फ़िर से मिले. खोज करने पर पाया गया के दोनों के नाम जेम्स थे और दोनों ने मेकेनिकल ड्राईंग और कारपेण्ट्री में डिप्लोमा ले रखा था. दोनों की पत्नियों का नाम क्रमशः लोप्डा था और दोनों को एक-एक पुत्र था, जिनके नाम क्रमशः जेम्स एलन और जेम्स एलन था. दोनों के पास “टाय” नामक एक-एक कुत्ता था. दोनों पीटर्सबर्ग, फ़्लोरिडा में निवास कर रहे थे. यों दोनों के बीच कोई नियमित सम्पर्क या स्नेह सम्बन्ध या आदान-प्रदान का सिलसिला नहीं चला, तो भी इस प्रकार के अद्भुत साम्य का घटनाक्रम घटित हुआ.
२० अप्रैल १९७८ के “ द वाशिंगटन पोस्ट” में एक ही नाम की दो महिलाओं की कहानी प्रकाशित हुई थीं. दोनो का नाम वान्डामेरी जान्स था. इनमें से एक महिला एडेल्फ़ी, मेरीलैण्ड, प्रिंस जार्ज काउन्टी की रहने वाली थी जो वाशिंगटन के यूनियन स्टेशन में वैगेज क्लर्क थी. दूसरी महिला सूइटलैण्ड, मेरी प्रिन्स जार्ज काउण्टी की रहने वाली और वाशिंगटन के डी.सी.जनरल हास्पिटल में नर्स का काम कर रही थी..
दोनों वान्डा मेरी का जन्म १५ जून १९५६ को वाशिंगटन शहर में हुआ था और दोनों ही इस शहर को छॊड़कर प्रिंस जार्ज काउण्टी चली गईं. दोनों के दो-दो बच्चे थे, जिनका जन्म अस्पताल में हुआ. दोनों महिलाओं के पास अपनी-अपनी फ़ोर्ड कारें थीं, जिनका नम्बर भी ११ की संख्या में अन्तिम तीन अंकों को छॊड़कर समान थे.
कई बार असाधारण समता जुड़वाँ बच्चों के बीच भी पायी जाती हैं. पर जो लोग भिन्न-भिन्न स्थानों पर जन्में, उनके बीच साम्य संयोग का क्रम कैसे बना, यह आश्चर्यचकित कर देने वाले घटनाक्रम को देखकर कहा जा सकता है कि सृष्टि का निर्माण करने वाली अदृष्य शक्ति कभी-कभी ऎसे चमत्कार उपस्थित कर देती है जिसे देख-सुनकर दातों तले अँगुली दबाने पर मजबूर होना पड़ता है..